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Mere Priya khel Par Nibandh 250- 300 Words me /मेरा प्रिय खेल (क्रिकेट मैच) पर निबंध 250-300 शब्द में

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Mere Priya khel Par Nibandh 250- 300 Words me

Mere Priya khel Par Nibandh 250- 300 Words me /मेरा प्रिय खेल (क्रिकेट मैच) पर निबंध 250-300 शब्द में

सर्दियाँ शुरू होते ही भारत भर में क्रिकेट का बुखार सिर चढ़कर बोलने लगता है। हालांकि गली मोहल्लों में बच्चों को बारह महीने क्रिकेट खेलते देखा जा सकता है लेकिन सर्दियों के दौरान देश का ऐसा कोई हिस्सा नहीं होगा जहाँ गली-मोहल्लों में बच्चों को क्रिकेट खेलते न देखा जाए। बड़े खेल के मैदानों में तो इन दिनों और कोई दूसरा खेल खेलते मुश्किल से ही कोई नजर आए। क्रिकेट की शुरूआत इंग्लैंड से हुई थी लेकिन इसके प्रति वहाँ के लोगों में अब रुचि दिनों दिन कम होती जा रही है। इसके अलावा अन्य देशों में भी अब इस खेल को अवकाश के दिन का खेल माना जाने लगा है।

हमारे देश में इस खेल का बुखार अभी जारी है। एक बार मुझे भी अंतर्राष्ट्रीय तो नहीं लेकिन हाँ राज्य स्तरीय क्रिकेट मैच देखने का शुभ अवसर मिल गया। हमारे घर के पास ही एक बड़ा खेल का मैदान है। यहाँ अक्सर छोटे-बड़े टूर्नामेंट चलते रहते हैं। इस मैदान में दिन में क्रिकेट आदि के मैच खेले जाते हैं , तो रात में वॉलीबाल, हैंडबालं आदि के मैच खेले जाते हैं। एक दिन रविवार को कोई खेल प्रतियोगिता देखी जाए। घर से निकलते ही मेरा मन हुआ कि चलो कहीं मुझे मेरा एक मित्र मिल गया। उसने मुझसे अरे कहा भई सुबह-सुबह कहाँ तैयार होकर निकल रहे हो। तुम्हें पता है कि आज बड़े वाले खेल के मैदान में जो क्रिकेट टूर्नामेंट चल रहा है उसका फाइनल मैच है। टूर्नामेंट का आयोजन एक निजी संस्था द्वारा कराया जा रहा था। टूर्नामेंट में दिल्ली की सर्वश्रेष्ठ छः टीमों ने भाग लिया था। उनमें से आज सेमीफाइनल में पहुँची टीमों का फाइनल मैच था। फाइनल मैच होने के कारण बच्चों सहित बड़ों की भी वहाँ संख्या काफी थी। मैच के आयोजकों द्वारा मैच देखने आये लोगों के लिए बैठने की अच्छी व्यवस्था की गई थी। भीड़ के कारण सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस की भी सहायता ली गई थी। मैच देखने आये लोगों के बैठने की व्यवस्था काफी अच्छी की गयी थी ,

टूर्नामेंट का फाइनल मैच शक्तिनगर क्रिकेट क्लब तथा न्यूलाइट क्रिकेट क्लब के मध्य खेला गया। मैच सुबह नौ बजकर तीस मिनट पर शुरू हुआ। टाँस शक्तिनगर क्रिकेट क्लब की टीम ने जीता और क्षेत्र रक्षण का जिम्मा संभाल न्यूलाइट क्रिकेट क्लब को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। मैच चालीस ओवरों का था। न्यूलाइट क्रिकेट क्लब के प्रारम्भिक बल्लेबाज बहुत सस्ते में ही आउट हो गये। मध्य क्रम में खेलने आये क्लब के बल्लेबाजों ने विरोधी टीम के गेंदबाजों की धुनाई करनी शुरू कर दी। अपने तेज गेंदबाजों को पिटते देख शक्तिनगर क्रिकेट क्लब की टीम ने अपने स्पिनरों को गेंदबाजी का जिम्मा सौंपा। ये गेंदबाज एक हद ,

तक न्यूलाइट क्रिकेट क्लब के बल्लेबाजों द्वारा की जा रही धुंवाधार बल्लेबाजी पर अंकुश लगाने में सफल.रहे। बावजूद इसके न्यूलाइट क्रिकेट क्लब ने चालीस ओवर में सात विकेट खोकर 250 रन का स्कोर खड़ा किया।

करीब 30 मिनट के विश्राम के बाद मैदान पर शक्तिनगर क्रिकेट क्लब के शुरुआती बल्लेबाज मैदान पर उतरे। इसके बाद न्यूलाइट क्रिकेट क्लब के कप्तान ने अपने खिलाड़ियों को अपनी रणनीति के तहत क्षेत्र रक्षण के लिए मैदान में खड़ा कर दिया। न्यूलाइट क्रिकेट क्लब को पहले ही ओवर में विकेट पाने में सफलता मिल गयी। पहले ओवर में विकेट खो देने के कारण शक्तिनगर क्रिकेट क्लब के बल्लेबाजों ने बिना किसी जोखिम के धीरे-धीरे रन बटोरे। 12 ओवर समाप्त होने पर शक्तिनगर क्रिकेट क्लब की टीम अपने चार विकेट केवल 60 रनों पर ही गवाँ चुकी थी।

न्यूलाइट क्रिकेट क्लब द्वारा तेज गेंदबाजों को हटा स्पिनर लगा देने से कोई खास फायदा नहीं हुआ नरेतिक विरोधी टीम अपने खाते में आसानी से रन बटोरती चली जा रही थी। खेल धीमा हो चुका था। क्योंकि 3 ओवर की समाप्ति पर शक्तिनगर क्रिकेट क्लब की टीम केवल 140 रन ही बटोर सकी थी। उसके सात बःलेबाज आउट हो चुके थे। अपनी जीत को आश्वस्त मान न्यूलाइट क्रिकेट क्लब के खिलाड़ियों ने मैच पूरी जान लगा दी थी। कहते हैं

अंतिम तीन ओवरों में विरोधी टीम के बल्लेबाजों ने गेंदबाजों की जमकर धुनाई की लेकिन वह मैच नहीं जीत सके। शक्तिनगर क्रिकेट क्लब की टीम के नौ खिलाड़ी 212 रन पर आउट हो गये थे अंतिम जोड़ी मैदान में थी। इसी दौरान चालीस ओवर की समाप्ति पर अम्पायर ने सीटी बजाते हुए मैच खत्म होने का संकेत पापा दिया। मैच खत्म होने के बाद मैन ऑफ द मैच विजयी टीम के आक्रामक बल्लेबाज जिसने 10 गेंदों पर 22 रन बनाये थे को दिया गया। इस प्रकार न्यूलाइट क्रिकेट क्लब टूर्नामेंट की ट्रॉफी जीत गया। मैच के अंत में टूर्नामेंट की आयोजक कंपनी के चेयरमैन ने विजेता टीम को ट्रॉफी प्रदान की और उन्हें जीत कर बचाई

Mere Priya khel Par Nibandh 250- 300 Words me

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Amresh Roy is a Professional Blogger who does Web Blogging and shares his thoughts, information, and experiences on the Website. He Blogs his writings on various topics to educate and entertain the masses.

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