हमारे YouTube Channel में जुड़ें👉 Join Now

हमारे Telegram Group में जुड़ें👉 Join Now

Matric Sentup Sent Up Exam Hindi Question Paper 2024

Matric Sentup Sent Up Exam Hindi Question Paper 2024

प्यारे साथियों इस पोस्ट में आप सभी को बताने वाले हैं जितने भी छात्र एवं छात्राएं 2024 मैट्रिक बोर्ड परीक्षा देने वाले हैं तो उन लोगों का यहां पर नवंबर में सेंट अप परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है sentup परीक्षा का मतलब यह है कि फाइनल परीक्षा में इसी तरह का प्रश्न पत्र सेट किया हुआ रहेगा और ऑब्जेक्टिव सेंट अप पर परीक्षा में पूछा जा रहे हैं उतना ही परीक्षा फाइनल में पूछे जाएंगे तो इससे यह साबित होता है कि 2024 मैट्रिक फाइनल परीक्षा में भी 100 ऑब्जेक्टिव एवं साइंस में 80 ऑब्जेक्टिव रहेंगे । मैट्रिक सेंटर परीक्षा कब होता है । 

इस पोस्ट में बिहार बोर्ड से आयोजित मैट्रिक सेंट अप परीक्षा 2023-24 का प्रश्न पत्र दिया गया है । यदि आप भी बिहार बोर्ड से मैट्रिक बोर्ड परीक्षा 2024 में देंगे । तो आपके लिये स्कूल स्तर पर Sent Up Exam 2023-24 का आयोजन 23 नवम्बर से 28 नवम्बर तक हो रहा है । आपके सेंट अप परीक्षा के हिंदी विषय का अरिजनल प्रश्न पत्र उत्तर के साथ दिया गया है । इस पोस्ट के माध्यम से बिहार बोर्ड मैट्रिक सेंट अप परीक्षा 2023-24 के हिंदी विषय का प्रश्न पत्र उत्तर के साथ डाउनलोड कर सकते है ।

बिहार बोर्ड मैट्रिक सेंटर परीक्षा एग्जाम से डेढ़ महीना पहले लिया जाता है इससे यह पता चलता है बच्चों को फाइनल परीक्षा में इसी तरह का प्रश्न पत्र देखने को मिलेगा और सेंटर परीक्षा में सम्मिलित होना भी बहुत जरूरी होता है ।

BSEB SENTUP EXAM HINDI QUESTION PAPER OBJECTIVE ANSWER KEY 

1 B 21 A 41 A 61 A 81 B
2 C 22 C 42 A 62 B 82 D
3 D 23 D 43 C 63 C 83 A
4 B 24 A 44 D 64 D 84 B
5 B 25 D 45 A 65 A 85 B
6 C 26 A 46 B 66 B 86 C
7 C 27 B 47 C 67 C 87 D
8 A 28 A 48 D 68 D 88 A
9 A 29 D 49 A 69 A 89 B
10 C 30 A 50 B 70 B 90 C
11 D 31 C 51 B 71 B 91 D
12 A 32 C 52 D 72 B 92 A
13 A 33 D 53 A 73 A 93 B
14 C 34 A 54 B 74 B 94 C
15 C 35 B 55 C 75 C 95 D
16 A 36 B 56 D 76 D 96 A
17 B 37 C 57 A 77 A 97 B
18 A 38 58 B 78 A 98 C
19 D 39 A 59 C 79 B 99 D
20 A 40 D 60 D 80 B 100 A

सब्जेक्टिव प्रश्न यहां से करें डाउनलोड

खण्ड – ब 

लघु एव दिर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर 

(i) व्यक्ति की प्रगति की आधारशिला क्या है ?

उत्तर – आत्मनिर्भरता प्रगति की आधारशिला है

(ii) उन्नति की दौड़ में सबसे आगे कौन रहता है ?

उत्तर – जो व्यक्ति समाज में अपने सारे कार्य स्वयं करता है और जरूरत पड़ने पर दूसरों की सहायता करता है, वह उन्नति की दौड़ में सबसे आगे रहता है।

(iii) कौन व्यक्ति पिछड़ जाता है ?

उत्तर – अपने कार्य के लिए दूसरे पर निर्भर रहने वाला व्यक्ति पिछड़ जाता है

(iv) सामाजिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ कौन होता है ?

उत्तर – स्वावलंबी व्यक्ति सामाजिक और मानसिक रूप से स्वस्थ एवं शक्तिशाली होता है।

(v) उन्नति के शिखर पर कौन पहुँच जाता है ?

उत्तर – आत्मनिर्भर व्यक्ति अपने जीवन में उन्नति के शिखर पर पहुँच जाता है।

गंधाश (ख )

(i) एकता कौन नहीं चाहता ?

उत्तर – कोई भी शासक अपना प्रभुत्व जमाने के लिए जनता में एकता नहीं चाहता ।

(ii) अंग्रेजों ने भारत की एकता खंडित क्यों की ?

उत्तर – अंग्रेजों ने भारत में राज करने के लिए यहाँ की एकता खंडित की।

(iii) अंग्रेजों ने भारत पर कितने वर्षों तक शासन किया

उत्तर – अंग्रेज लगभग दो सौ वर्षों तक भारत पर शासन करते रहे।

(iv) अंग्रेजों ने भारत में कौन नीति अपनाई ?

उत्तर – उन्होंने ‘फूट डालो और राज करो की नीति अपनाई ।

(v) अब हमें किस प्रकार रहना चाहिए ?

उत्तर – अब हमें जाति, धर्म और क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर आपस में मिलजुल कर रहना चाहिए ।

 

3. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 250-300 शब्दों में निबंध लिखें : 1 * 10 = 10

 

(क) समय का महत्त्व

 

(i) भूमिका

(ii) समय के सदुपयोग से लाभ

(iii) समय के दुरुपयोग से हानि

(iv) निष्कर्ष

 

(ख) छात्र और अनुशासन

 

(i) भूमिका

(ii) अनुशासन का महत्त्व

(iii) अनुशासनहीनता से हानि

(iv) निष्कर्ष

 

(3) ( ख ) उत्तर –

भूमिका – जीवन को आनंदपूर्वक जीने के लिए विद्या और अनुशासन दोनों आवश्यक है अनुशासन भी एक प्रकार की विद्या है । अपने दिनचर्या को अपने बोल चाल को कोअपने रहन-सहन कोअपने सोच विचार अपने समस्त व्यवहार को व्यवस्थापित करना ही अनुशासन है

छात्र जीवन मे अनुशासन का महत्त्व : – अनुशासन का महत्त्व सर्वत्र है। जीवन में कदम-कदम पर अनुशासन का महत्त्व है। निरंकुश जीवन स्वेच्छाचारिता का शिकार होकर लक्ष्य से भटक जाता है। विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का विशेष महत्त्व है। यह जीवन का निर्माणकाल होता है। इस काल में अनुशासन की महत्ता सर्वाधिक होती है। इस समय घर में माता-पिता और बड़ों की बातें मानकर अनुशासित जीवन जीना चाहिए। विद्यालय में एक आदर्श विद्यार्थी कहलाने के लिए अनुशासन का पालन अनिवार्य है। इसके लिए विद्यालय के नियमों, अपने अध्यापक एवं प्रधानाचार्य की आज्ञा का पालन करना अत्यावश्यक हो जाता है। इतना ही नहीं, विद्यालय की संपत्ति को नुकसान न पहुँचाना तथा अपने आसपास साफ़-सफ़ाई रखना अनुशासन के ही अंग हैं। दुर्भाग्य से विद्यार्थी अनुशासनहीनता पर उतरकर अवांछनीय कार्यों में शामिल हो जाते हैं।

अनुशासनहीनता का दुष्प्रभाव – अनुशासनहीनता का दुष्प्रभाव अलग-अलग रूपों में नज़र आता है। अनुशासनहीन विद्यार्थी का ध्यान पढ़ाई में नहीं लगता है। वह पढ़ाई में पिछड़ता जाता है। वह लक्ष्यभ्रष्ट होकर माता-पिता की अपेक्षाओं पर तुषारापात करता है। अनुशासनहीन छात्र विद्यालय परिसर में अपनी ताकत दिखाने के लिए छात्रों को अपने साथ मिलाने का प्रयास करते हैं।

अनुशासनहीनता रोकने के उपाय – अनुशासनहीनता रोकने का पहला उपाय है-आत्मानुशासन में रहना। यदि व्यक्ति अपने शासन में रहता है तो यह समस्या नहीं आती है। इसके अलावा छात्रों को नैतिक शिक्षा अवश्य दी जानी चाहिए। छात्रों के साथ मित्रवत व्यवहार करना, उनकी बातें सुनकर उनकी समस्या का निवारण करने से अनुशासनहीनता रोकी जा सकती है।

उपसंहार – जीवन में सफलता पाने के लिए अनुशासन बहुत आवश्यक है। अनुशासन हमें अच्छा मनुष्य बनने में सहायता करता है। हम सबको अनुशासनबद्ध जीवन जीना चाहिए।

4. अपने प्रधानाध्यापक के पास एक आवेदन पत्र लिखे, जिसमे विद्यालय पुस्तकालय हेतु भीमराव अंबेदकर तिखित पुस्तक मँगवाने का निवेदन किया गया हो 1 * 5 = 5

उत्तर –

प्राचार्य

अ ब स विद्यालय

आगरा विस्तार

उत्तर प्रदेश

दिनांक – 27-XX-20XX

विषय- पुस्तकें मँगवाने हेतु प्रार्थना-पत्र

महोदय,

मैं आपके विद्यालय में कक्षा ………. का छात्र हूँ। हमारे विद्यालय में प्रत्येक कक्षा का एक कालांश पुस्तकालय का होता है। हम सभी पुस्तकालय जाते हैं, लेकिन पुस्तकालय में पुस्तकों की बहुत कमी है, विशेष कर हिन्दी की।

हमारे पुस्तकालय में हिन्दी के प्रसिद्ध लेखकों की पुस्तकों की कमी है। हम हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध लेखकों की जीवनी पढ़ना चाहते हैं, कुछ कक्षाओं में लेखकों की जीवनी को विषय के तौर पर पढ़ाया भी जाता है। परन्तु हिन्दी की बढ़ावा देने के लिए इन प्रसिद्ध लेखकों की पुस्तकें मँगवाना जरूरी हो गया है।

हम सभी आप से अनुरोध करते हैं कि हिंदी के प्रसिद्ध लेखकों की पुस्तकें जल्द से जल्द मँगवाने का आदेश दें जिससे हम जल्द लाभ उठा सकें।

सधन्यवाद,

प्रार्थी,

सभी विद्यार्थी

5. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर प्रत्येक लगभग 20-30 शब्दों में 5x 2 = 10

(i) विष के दाँत शीर्षक पाठ में, सेन साहब के परिवार में बच्चो के पालन पोषण में किए जा रहे लिंग आधारित भेद – भाव को लिखें ।

उत्तर- सेन साहब के घर में पाँच लड़कियाँ और एक लड़का है। कहने को सभी सेन साहब की सन्तान है। किन्तु, लड़कियों और लड़के के रहन-सहन, शिक्षा, लाड़-प्यार में लिंगजनित बहुत विषमताएँ हैं। लड़कियों को अलग तालीम-शिक्षा, बोलना-चलना सिखाया गया है। किन्तु खोखा के लिए इन सबकी कोई सीमा नहीं। लड़‌कियाँ जोर से हँसती नहीं, किसी चीज को तोड़ती-फोड़ती नहीं, शाम का वक्त छोड़कर कभी खेलती नी नही ‘ जवकि खोखा इन सबका अपवाद है। सेन साहब का कहना है कि वह इनजीनियर बनेगा ‘ इसलिए अभी से ठोक ठाक करना जरूरी है। इस तरह बच्चो के पालन पोषण में लिंग आधारित भेदभाव व्याप्त था

(ii) भारत की ग्राम पंचायतों को किस अर्थ में और किनके लिए लेखक मैक्स मूलर ने महत्त्वपूर्ण बतलाया है?

उत्तर – अत्यन्त सरल राजनीतिक इकाइयों के निर्माण और विकास से सम्बद्ध प्राचीन युग के कानून के पुरातन रूप, उनके महत्त्व और विशिष्टता के ज्ञान पाने वालों के लिए लेखक ने ग्राम पंचायत को महत्त्वपूर्ण बताया है। भारत की ग्राम पंचायतों को लेखक ने स्थानीय स्वशासन के अर्थ में लिया है। यह ऐसी प्रणाली है जिसमें ग्रामीण अपना शासन खुद करते हैं।

(iii) लेखक गुणाकर मुले ने किन भारतीय लिपियों से देवनागरी का संबंध बताया है ?

उत्तर – लेखक ने संस्कृत, प्राकृत, गुजराती, बंगाली तथा ब्राह्मी लिपियों से देवनागरी का सम्बन्ध बताया है। नागरी या नंदिनागरी भी देवनागरी के समान है।

(iv) संगीत भारती में विरजू महाराज की दिनचर्या क्या थी ?

उत्तर – – बिरजू महाराज का आवास दरियागंज में था। वहाँ से प्रतिदिन पाँच या नौ नं० की बस पकड़कर संगीत भारतीय जाना होता था। वहाँ प्रदर्शन का अवसर कम मिला, फिर भी हाजिर रहना पड़ता था।

(v) कवि रेनर मारिया रिल्के किसको कैसा सुख देते थे ? ‘मेरे विना तुम प्रभु’ शीर्षक कविता के आधार पर लिखें ।

उत्तर- कवि अपने कपोलों की नर्म शय्या पर विश्राम कर रही ईश्वर की कृपादृष्टि को सुख प्रदान करता था। वह उसे चट्टानों की ठंडी गोद में सूर्यास्त के रंगों में घुलने का सुख देता था।

(vi) ‘अक्षर ज्ञान’ शीर्षक में ‘क’ का विवरण स्पष्ट कीजिए

उत्तर – माँ बेटा की ‘क’ कबूतर पढ़ाना-लिखना चाहता है। उसका ‘क’ पंक्तियों से नीचे उतर जाता है। कबूतर सीखने के क्रम में कबूतर की तरह इधर-उधर फुदकने लगता है में उसका हाथ इधर-उधर चला जाता है। अक्षर-ज्ञान से वंचित बच्चा माँ कि अक्षर को। माँ से प्रेरित होकर बच्चा अक्षर बोध करता है। अर्थात् पढ़ने-लिखने के क्रम भाव को जानता है

(vii) कवि वीरेन डंगवाल किन अत्याचारियों का और क्यों जिक्र करता है ?

उत्तर – कवि उन अत्याचारियों का जिक्र करता है जो सुविधाभोगी, आराम पसंद जीवन जीने के लिए सुख-भोग के सारे साधनों का संग्रह करने के बावजूद अपनी शोषण-प्रवृत्ति का त्याग करना नहीं चाहते। कवि ने इन अत्याचारियों के माध्यम से देश के नेता, अधिकारी पदाधिकारी आदि की ओर संकेत किया है कि ये भोली-भाली जनता की सज्जनता का नाजायज लाभ उठाते है। ये किसी भी प्रकार से धनार्जन करके एक-दूसरे से आगे निकलने के लिए व्यग्र रहते हैं। जनता अपनी जान देकर आर्थिक विकास में संलग्न रहती है और उच्च पद पर बैठे सत्ताधारी गरीबों का हक डकारकर मौज मनाते है।

(viii) कवि प्रेमघन को भारत में भारतीयता क्यों नहीं दिखाई पड़ती ?

उत्तर- कवि को भारत में भारतीयता इसलिए नहीं दिखाई पड़ती, क्योंकि लोगों के आचार-विचार, खान-पान, वेश-भूषा, चाल-चलन आदि में महान् परिवर्तन हो गए है। लोग विदेशी रंग में रंगने के कारण अपनी सभ्यता-संस्कृति को भूल गए है। स्वदेशीपन का लोप हो गया है तथा अपने को भारतीय कहने में भी संकोच करने लगे। अंग्रेजी बोलना, अंग्रेज जैसा आचरण करना शान की बात मानते है। तात्पर्य कि पराधीनता के कारण भारतीय अपने पूर्वज के गौरव को भूल गए है, जिस कारण उनका स्वाभिमान मर गया है। उनमें भारतीयता के कोई भी लक्षण विद्यमान नहीं है। लोग चाटुकार, स्वार्थ तथा हीनभावना से ग्रस्त है। इसीलिए कवि को भारत में भारतीयता नहीं दिखाई देती।

(ix) रंगप्पा कौन था ?

उत्तर रंगप्पा, मंगम्मा के गांव का एक बड़ी शौकीन तबीयत का आदमी था। वह यदा-कदा जुआ भी खेल लेता था। रंगप्पा को जब यह ज्ञात हो गया कि मंगम्मा बेटे बहू से अलग रहती है तो वह उसके पीछे पड़ गया। उधार पैसे लेने और लौटाने की बात कहकर रास्ते में तंग करने लगा।

(x) सीता की स्थिति बच्चों के किस खेल से मिलती-जुलती थी ?

उत्तर-सीता की स्थिति बच्चों के खेल ‘माई- माई रोटी दे’ वाले खेल से मिलती थी ।

6. निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लिखें । (शब्द सीमा लगभग 100) : 1 * 5 = 5

 

(i) व्याख्या करें:

 

“अगर बाल्टी भरी होती तो मछली उछलकर नीचे आ जाती ।”

 

उत्तर- प्रस्तुत पंक्ति विनोद कुमार शुक्ल द्वारा लिखित कहानी ‘मछली’ शीर्षक पाठ से उद्धृत है। इसमें लेखक ने उछलकर मछली के भागने के बारे में अपना अनुभव प्रकट किया है। लेखक का कहना है कि एक बार छोटी-सी मछली हाथ से फिसलकर स्रानघर की नाली में चली गई थी। लाख प्रयास के बाद जब मछली नहीं मिली तो जहाँ घर की नाली बड़ी नाली से मिलती थी, वहाँ जाकर मछली पकड़ने का प्रयास किया। लेकिन, गंदे पानी की वजह से मछली दिखाई नहीं दी। तब दीदी ने बताया कि मछली इस नाली से शहर की बड़ी नाली में चली जाएगी, फिर इससे मोहार नदी में चली जाएगी। इसी कारण लेखक कहता है कि यदि बाल्टी भरी होती तो मछली उछलकर पुनः भाग जाती और इस कारण उन्हें पिता का कोपभाजन होना पड़ता। गलती की पुनरावृत्ति न हो, इसलिए बाल्टी आधी खाली

करके झोले की मछलियों को उसमें डाल दिया गया।

 

 

नोट- यह प्रश्नपत्र और उत्तर मैट्रिक के सेंट अप परीक्षा का है । Hindi Question Paper

SENT UP EXAM CLASS 10TH 2022-23
SUBJECTIVE QUESTION ANSWER PDF DOWNLOA
HINDI QUESTION PAPER DOWNLOAD
सभी विषय का प्रश्नपत्र CLICK HERE
ROUTINE  DOWNLOAD
TELEGRAM  JOIN US
YOUTUBE  SUBSCRIBE

Download 10th Sent Up Exam Question Paper With Answer

सेंट अप एक्जाम में सम्मिलित नहीं होने पर क्या होगा ?

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति शिक्षा विभाग के द्वारा यह नोटिस जारी किया गया है कि जो भी विद्यार्थी सेंट अप परीक्षा में सम्मिलित नहीं होंगे उन स्टूडेंट को फाइनल परीक्षा नहीं देने को अनुमति दी जाएगी एवं एडमिट कार्ड जारी नहीं किया जाएगातो आप लोग को सेंट अप परीक्षा में सम्मिलित होना बहुत ही जरूरी है

Bihar Board Class 10th Sent Up Exam Hindi Question Paper With Answer 2024

इस पोस्ट के माध्यम से Matric Sent Up परीक्षा के Hindi विषय के प्रश्न पत्र का PDF डाउनलोड कर सकते है । इसके साथ-साथ Objective और Subjective प्रश्नों का उत्तर भी डाउनलोड कर सकते है । matric sentup exam 2023-24

मैट्रिक फाइनल कब होगे जाने पूरी जानकारी

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा यह कहना है कि मैट्रिक का फाइनल परीक्षा का आयोजन फरवरी महीने के दूसरे सप्ताह से मैट्रिक फाइनल परीक्षा का एग्जाम शुरू होता है एवं इंटर का फरवरी के पहले सप्ताह सेफाइनल वार्षिक परीक्षा शुरू हो जाते हैंतो आप लोग को पता होगा कई वर्षों से या फरवरी महीना में ही आपका मैट्रिक फाइनल वार्षिक परीक्षा का एग्जाम लिया जाता है

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!