सिपाही भर्ती : एक अक्तूबर को दो पालियों में हुई परीक्षा रद्द, 7 और 15 वाली स्थगित

सिपाही भर्ती : एक अक्तूबर को दो पालियों में हुई परीक्षा रद्द, 7 और 15 वाली स्थगित

प्यारे साथियों इस पोस्ट में आपसे भी को सिपाही भर्ती का आप लोगजो परीक्षा दिए हैंवह परीक्षा रद्द कर दी गई हैऔर 7 से 15 वाली एग्जाम को फिलहाल रद्द कर दिया गया हैआई इस पोस्ट में पूरा जानकारी पड़े नीचे दिए गए हैं बातों को समझेंगे ।• केंद्रीय चयन पर्षद ने दी जानकारी, जल्द होगी नयी तिथि की घोषणा

•केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) ने 21391 सिपाही के पदों पर बहाली को लेकर एक अक्तूबर (रविवार) को हुई दोनों पालियों की लिखित परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया है. पर्षद के अध्यक्ष संजीव कुमार सिंघल ने मंगलवार को इसकी सूचना जारी करते हुए बताया कि सात और 15 अक्तूबर को निर्धारित दोनों पालियों की लिखित परीक्षा को भी अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है. अब इनकी लिखित परीक्षाओं की नयी तिथि व समय के संबंध में अलग से पर्षद की वेबसाइट या समाचार पत्रों से सूचना दी जायेगी… पर्षद अध्यक्ष ने बताया कि परीक्षा के दौरान विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर काफी संख्या में अभ्यर्थियों द्वारा आंसर शीट की नकल करते हुए एवं चिट-पुर्जों के साथ पकड़ा गया. वर्तमान में यह सभी मामले अनुसंधानरत हैं. जानकारियों के विश्लेषण में प्रथम दृष्टया सुनियोजित ढंग से संगठित गिरोह द्वारा किये जाने की आशंका को देखते हुए लिखित परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया गया है.

दूसरे राज्यों से लिंक की भी होगी तलाश

एडीजी ने बताया कि अनुसंधान की कोई सीमा नहीं होगी. अगर पेपर लीक के तार दूसरे राज्यों से मिले तो टीम भेज कर वहां भी जांच करायी जायेगी. लीक में किसी एक गैंग या अलग-अलग गैंग का हाथ है, फिलहाल यह बताना मुश्किल है. उन्होंने बताया कि पेपर लीक मामले में अब तक 21 जिलों में 67 केस दर्ज हुए हैं. इनमें 148 की गिरफ्तारी हुई है. सबसे अधिक केस छपरा, भोजपुर और पटना में दर्ज हुए. इओयू की विशेष टीम डे-टू-डे बेसिस पर इस केस की मॉनिटरिंग कर रही है. टीम में पुलिस मुख्यालय से भी अधिकारी शामिल किये गये हैं.

परीक्षा से दो घंटे पहले पेपर लीक, वित्तीय लेन-देन के भी सबूत

पटना.- 21391 सिपाहियों की बहाली को लेकर रविवार (एक अक्तूबर) को हुई लिखित परीक्षा का प्रश्न पत्र कम से कम डेढ से दो घंटे या उससे पहले लीक हो चुका था. जिन अभ्यर्थियों को यह प्रश्न पत्र मिले, उनसे वित्तीय लेन-देन भी किया गया. लिखित परीक्षा में अनियमितता व कदाचार मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) की प्रारंभिक जांच में यह सबूत निकल कर सामने आये है. मंगलवार को इओयू के एडीजी नैय्यर हसनैन खान ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि एक सेंट्रल टीम सहित चार-पांच अलग-अलग टीम इस पूरे मामले की जांच कर रही है. अब तक की जांच में स्पष्ट है कि प्रश्न पत्र का लीकेज हुआ है. परीक्षा से पहले आंसर-की का सामने आना इस बात को साबित करता है. खास कर नवादा और पटना जिले से मिले साक्ष्य से यह स्पष्ट है कि प्रश्न पत्र हासिल कर आंसर-की तैयार किये गये और उनको अभ्यर्थियों को बेचा गया. यूपीआइ ट्रांजेक्शन के माध्यम से पैसों की मांग की गयी. उन्होंने बताया कि वित्तीय लेन-देन के संबंध में कई साक्ष्य मिले हैं. लीकेज में किसकी क्या भूमिका रही, सब सामने लाया जायेगा. जांच में देखा जायेगा कि आंसर-की सबसे पहले कहां से चला ? किन-किन लोगों ने इसे शेयर किया? वित्तीय लेन-देन के एंगल पर अलग जांच होगी कि यह राशि किनके पास जानी थी. साक्ष्य के अनुसार इसमें दोषी पाये जाने वाले किसी भी सरकारी कर्मी या निजी कर्मी पर कठोर कार्रवाई होगी. कानून से ऊपर कोई नहीं होगा.

पेपर लीक से जुड़ी कोई जानकारी टॉल फ्री नंबर 0612-2216236 पर करें शेयर : इओयू एडीजी श्री खान ने इओयू का टॉल फ्री नंबर 0612-2216236 और इ-मेल आइडी cybercell-bih@ nic.in सार्वजनिक करते हुए लोगों से इससे जुड़ी सूचनाएं शेयर करने की अपील की. उन्होंने कहा कि प्राप्त सूचनाओं को ग्रहण कर उनकी पड़ताल कर यथोचित कार्रवाई की जायेगी.

 

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