परोपकार पर लगभग 250 – 300 शब्दो में निबंध लिखें
परोपकार पर निबंध लिखें
(i) भूमिका – समाज में परोपकार से बढ़कर कोई धर्म नहीं होता, यह ऐसा काम है जिसके द्वारा शत्रु भी मित्र बन जाता है। यदि शत्रु पर विपत्ति के समय उपकार किया जाए, तो वह सच्चा मित्र बन जाता है। विज्ञान ने आज इतनी उन्नति कर ली है कि मरने के बाद भी हमारी नेत्र ज्योति और अन्य कई अंग किसी अन्य ‘व्यक्ति के जीवन को बचाने का काम कर सकते हैं।
महत्व – जीवन में परोपकार का बहुत महत्व है। समाज में परोपकार से बढ़कर कोई धर्म नहीं होता। ईश्वर ने प्रकृति की रचना इस तरह से की है कि आज तक परोपकार उसके मूल में ही काम कर रही है। प्रकृति का कण-कण हमें परोपकार की शिक्षा देता है। नदियाँ परोपकार के लिए बहती है, वृक्ष धूप में रहकर हमें छाया देता है, चन्द्रमा से शीतलता, समुद्र से वर्षा, गायों से दूध, वायु से प्राण शक्ति मिलती है।
उपसंहार – परोपकारी मानव किसी बदले की भावना अथवा प्राप्ति की आकांक्षा से किसी के हित में रत नहीं होता। वह इंसानियत के नाते दूसरों की भलाई करता है। “सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया” के पीछे भी परोपकार की भावना ही प्रतिफल है। परोपकार सहानुभूति का पर्याय है। यह सज्जनों की विभूति होती है, परोपकार मानव समाज का आधार होता है। परोपकार के बिना सामाजिक जीवन गति नहीं कर सकता। हर व्यक्ति का धर्म होना चाहिए कि वह एक परोपकारी बने। दूसरों के प्रति अपने कर्तव्य को निभाएँ और कभी-भी दूसरों के प्रति हीन भावना ना रखे।
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